शनिवार, 23 जुलाई 2011

पापा कुछ पल के लिए ही सही .....

पापा कुछ पल के लिए ही सही पर आप जरुर आना,.....
पापा आपको आज  हमसे बिछुडे हुए पूरे दो साल होने जा रहे हैं मुझे याद है, आज ही के दिन ठीक मेरे लिखने के समय यानि 5:15 सायं आप हमें दुनिया की भीड़ में छोड़ कर सदा के लिए हमसे दूर जाने की तैयारी कर चुके थे, इस वक्त और उस वक्त में फर्क सिर्फ इतना सा है वो दिन मंगल वार था और आज दिन बीरवार  है, और उस दिन आपके लिए मेरे दिल में पीड़ा और  दर्द था आज सिर्फ एहसास  है !  
पापा वैसे तो जाने अनजाने में शायद मैंने आपको बहुत दुःख भी दी होंगे, पर आपके प्रेम व करुना के आगे में नतमस्तक था और हमेशा अपनी अंतिम सांस तक रहूंगा,
पापा मैं आज एक नजर आपके व्यक्तित्व पर पुन: डालना चाहता हूँ  और एक एक पल को दोबारा जीना चाहता हूँ वो भी आपके साए में आपके साथ आपकी गोद में आपके कंधे पर सर रखकर!

क्रमश: