मेरी डायरी ...
शब्द जो जुबां बन न सके , बस कलम से वही लिखने की कोशिश जारी है ...
सोमवार, 9 सितंबर 2013
कुछ लम्हे जो रुक गए मेरे साथ साथ ...
आज फिर कुछ है ख़ास
09.09.2013
ये आभास हमेशा रहेगा की कुछ लम्हे मेरे हो गए और मेरे ही रह गए ...........संजू
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